प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण, प्रेग्नेंट होने के लक्षण, गर्भ ठहरने के लक्षण क्या है, प्रेग्नेंट होने का लक्षण, Pregnancy Ke लक्षण ( Pregnancy Symptoms In Hindi )
हर महिला के लिए गर्भावस्था एक ऐसा समय है जो बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।
विशेष रूप से उनके लिए जो पहली बार मां बनने वाली होती है, उन महिलाओं के लिए यह बहुत ही खूबसूरत समय होता है,परंतु खुशी के साथ तनाव और काफी सवाल भी होते हैं।
गर्भावस्था आने पर जो सबसे पहला सवाल महिला के मन में आता है, वह यह है कि क्या वह गर्भवती है कि नहीं। किसी भी महिला के लिए यह पुष्टि करना कि वह गर्भवती है कि नहीं बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।
आज हम इस लेख में यह जानेंगे और समझेंगे कि ऐसे कौन से लक्षण तथा बदलाव होते हैं जिनके द्वारा यह पता लगाया जाता है कि महिला गर्भवती है कि नहीं।
गर्भावस्था का पहला सप्ताह महिलाओं के आखिरी मासिक धर्म के सात दिनों के बाद शुरू होता है।
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में काफी अलग-अलग प्रकार के बदलाव आते हैं, जो यह संकेत करते हैं कि वह गर्भवती है कि नहीं। कुछ बदलाव ऐसे होते हैं जो काफी छोटे होते हैं, जिन्हें महिला ज्यादा बारीकी से महसूस नहीं कर पाती और कुछ बदलाव अहम होते हैं जिनके द्वारा महिला काफी आसानी से यह पता लगा लेती है कि क्या वह गर्भवती है कि नहीं।
गर्भावस्था के दौरान होने वाले कुछ सामान्य बदलाव : प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण
गर्भावस्था के दौरान कुछ ऐसे बदलाव होते हैं जो काफी सामान्य और साधारण होते हैं, परंतु इन बदलावों द्वारा यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि महिला गर्भवती है कि नहीं, जैसे:
1. स्तन में बदलाव आना
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में काफी अलग-अलग प्रकार के बदलाव होते हैं जिसमें शुरुआत में महिलाएं अपनी स्तन में हल्का भारीपन और दर्द महसूस करने लगती है।गर्भावस्था के समय महिलाओं में छोटा और अहम बदलाव यह है कि उनके निप्पल का रंग काफी गहरा हो जाता है।
2. ज्यादा पेशाब आना
मासिक धर्म छूट जाने के बाद यदि महिला को सामान्य रूप से ज्यादा मात्रा में पेशाब आता है तो यह भी गर्भावस्था की और एक संकेत होता है।
3. पेट में बदलाव आना
गर्भावस्था की शुरुआत में महिलाओं के पेट में बदलाव आना शुरू हो जाता है, जिसमें उनके पेट में हल्का दर्द और साथ ही दस्त या कब्ज की परेशानी भी होने लग जाती है। इसका सबसे बड़ा कारण महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव होता है।
4. शरीर के तापमान में वृद्धि होना
यदि ओव्यूलेशन(ovulation)के बाद महिला के शरीर का तापमान ज्यादा है तो यह भी गर्भावस्था की ओर संकेत है। आमतौर पर शरीर का ओव्यूलेशन के बाद तापमान बढ़ जाता है परंतु पीरियड्स के बाद यह तापमान समान हो जाता है।
5. भोजन की मात्रा में वृद्धि होना: खाने के स्वाद में परिवर्तन महसूस करना
जब महिला गर्भावस्था में आती है तो उनके खाने की मात्रा में वृद्धि होने लगती है और खाने के किसी एक भोजन के प्रति ज्यादा आकर्षित होने लग जाती है, जिसे हम अंग्रेजी में क्रेविंग भी कहते हैं। वही दूसरी और वह खाना जो सबसे ज्यादा पसंद करती थी उन्हें गर्भावस्था के दौरान उस भोजन का स्वाद पसंद नहीं आता। यह गर्भधारण की और एक प्रकार का संकेत होता है।
गर्भावस्था के अहम और प्रमुख लक्षण: प्रेग्नेंट होने के लक्षण
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में कुछ बड़े और अहम बदलाव आते हैं, जिनसे यह पता लगाया जा सकता है कि वह गर्भवती है कि नहीं। पुराने समय में जब डॉक्टरों की कमी होती थी तब इन्हीं अहम लक्षणों द्वारा बड़े बूढ़े यह पता लगाते थे की महिला गर्भवती है कि नहीं।
1. मासिक धर्म छूट जाना (Missed periods)
यदि किसी महिला का मासिक धर्म छूट जाए तो यह भी एक इंगित होता है कि वह गर्भ धारण कर चुकी है। मासिक धर्म छूट जाने के काफी प्रकार के कारण होते हैं, जैसे:- ज्यादा तनाव, हार्मोन असंतुलन, इत्यादि। इसलिए यदि किसी महिला का मासिक धर्म छूट जाए तो उसे डॉक्टर से जाकर सलाह जरूर लेनी चाहिए।
2. थका थका महसूस करना और ज्यादा नींद आना
गर्भावस्था के शुरुआत के दिनों में कई महिलाओं को काफी थका थका महसूस होता ज्यादा नींद आती है और इसका कारण शरीर में बदलाव होता है। महिलाएं छोटे-छोटे कार्य करने के बाद भी काफी ज्यादा थकान और नींद महसूस करती है, लेकिन गर्भावस्था के दूसरे महा में वह थकान ठीक होने लग जाती है। कुछ महिलाओं की यह थकान तीसरे माह में ठीक होती है।
3. उल्टी जैसा लगना मूड स्विंग होना (Vomiting)
कई महिलाएं गर्भावस्था के दौरान उल्टी जैसा महसूस करती हैं और साथ में चक्कर आना भी महसूस करती हैं। यह महिलाओं की गर्भावस्था के 4 से 6 सप्ताह बात होता है। उल्टी का आना काफी सामान्य लक्षण है और गर्भावस्था के दौरान यह दिन में काफी बार महसूस हो सकता है। इन सबके साथ महिलाएं गर्भावस्था में मूड स्विंग से भी गुजरती है जिसमें वह छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा हो जाना, एकदम हंस पढ़ना, इत्यादि जैसा हो करती है।
4. प्रेगनेंसी टेस्ट किट (pregnancy test kit):-
आज के समय में प्रेगनेंसी टेस्ट किट के द्वारा यह पता लगाना कि आप गर्भवती है कि नहीं काफी आसान हो चुका है।
इस टेस्ट किट में आपको एक पट्टी मिलती है, जिस पर आपको अपने मूत्र की कुछ बूंदों को डालना होता है। डॉक्टरों द्वारा यह कहा गया है कि सुबह के पहले मूत्र से परिणाम काफी सटीक आता है। यह टेस्ट किट केवल 5 मिनट लेती है यह बताने में कि आप का गर्भधारण हुआ है कि नहीं। परंतु कभी-कभी इस टेस्ट किट का परिणाम गलत भी हो जाता है इसलिए इस विषय में डॉक्टर से सलाह लेना काफी आवश्यक हो जाता है।
सारांश
आज हमने इस लेख में यह जाना की महिलाओं के शरीर में काफी सारे परिवर्तन आते हैं, जो यह पता लगाने में मदद करते हैं की महिला गर्भवती है कि नहीं।
इन सब बदलावों में कुछ ऐसे बदलाव होते हैं जिनके लिए महिलाओं को अपने शरीर पर काफी बारीकी से ध्यान देना होता है ताकि उन्हें बदलाव महसूस हो सके।
कुछ बदलाव ऐसे होते हैं जिन्हें आसानी से महसूस किया जा सकता है और यह जाना जा सकता है कि महिला गर्भवती है कि नहीं।
परंतु यदि महिला अपने शरीर में इनमें से कोई भी लक्षण देखती है तो यह जरूरी नहीं कि वह गर्भवती होने के ही लक्षण हो। इसलिए किसी भी प्रकार का लक्षण दिखने पर यह जरूरी है की महिला डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण के बारे अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
Period Miss होने के बाद प्रेगनेंसी के लक्षण दीखते है.
प्रेगनेंसी टेस्ट किट से आप पता कर सकते है.
हम आशा करते हैं कि आपको प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण के बारे में जानकारी अच्छी लगी होगी। अगर आपको इस जानकारी से सम्बंधित कोई मदद चाहिए तो कृपया नीचे कमेंट बॉक्स में अपना प्रश्न लिखें और अगर आपको अन्य कोई जानकारी चाहिए तो हमें कमेंट बॉक्स में पूछें।